कलयुग के ब्राह्मण प्राचीन युगों के राक्षस समान - दुर्गा पुराण brahmin in present time
श्रीमद देवी भगवद पुराण - कलयुग के ब्राह्मण प्राचीन युगों के राक्षसों के समान
श्रीमद देवी भगवद पुराण, पृष्ठ 414, स्कन्द 6, गीता प्रैस गोरखपुर
राजन! उन प्राचीन युगों में जो राक्षस समझे जाते थे, वे कलि में ब्राह्मण माने जाते हैं, क्योंकि अब के ब्राह्मण प्राय: पाखंड करने में तत्पर रहते हैं। दूसरों को ठगना, झूठ बोलना और वैदिक धर्म-कर्मों से अलग रहना --- कलियुगी ब्राह्मणों का स्वाभाविक गुण बन गया है।

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हमारे सभी धार्मिक ग्रन्थों व शास्त्रों में उस एक प्रभु/मालिक/रब/खुदा/अल्लाह/ राम/साहेब/गोड/परमेश्वर की प्रत्यक्ष नाम लिख कर महिमा गाई है। वह एक मालिक/प्रभु कबीर साहेब है जो सतलोक में मानव सदृश स्वरूप में आकार में रहता है।
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